क्योंकि हर ग्रह कुछ कहता हैं…
पृथ्वी से लाखों करोड़ो मील दूर स्थित ग्रह मेरे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं ! कैसे? मैं कितनी भी कड़ी मेहनत करूँ ! मैं अपने कार्य में कितना भी कुशल क्यों न हूँ ! ग्रह निर्धारित करेंगे कि मुझे सफल होना हैं या असफल ??? मेरे रोग ग्रहों की वजह से हैं ! मेरे संबंधों…
एक यात्रा – अंश से अनंत तक !
हमें मृत्यु से डर लगता हैं क्यों कि हम नहीं जानते कि मृत्यु के बाद क्या होता हैं। धरती पर हमारा जीवन वास्तव में गुरुकुल में शिक्षा पूर्ण करने जैसा है जो पूर्ण करके हमें ‘अपने घर’ जाना हैं। जी हाँ हमारे अपने घर। इस दुनियाँ से अलग एक और दुनियां भी हैं…रूहानी दुनियां, जिसे…
मेरे साथ ही क्यों ?
मेरे जीवन में इतनी मुश्किलें क्यों है? लोग मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों करते है? मेरा स्वभाव ऐसा क्यों है? मेरा जीवन क्या ऐसा ही रहेगा? जो भी मेरे साथ होता है वो मेरा भाग्य तय करता है. पर फिर, मेरा भाग्य कौन तय करता हैं? मेरा भाग्य ऐसा ही क्यों है? किसने लिखा है मेरे भाग्य को ? इस प्रश्न के…