Month: June 2017

भाग्य रचयिता के औज़ार – संस्कार !

हर आत्मा के अपने संस्कार होते हैं- सात्विक, तामसिक, राजसी। सभी आत्माएं / प्रत्येक व्यक्ति अपने इन्ही गुणों के अनुसार व्यवहार करते हैं। ये गुण भी प्रकृति से ही मिलते हैं और प्रकृति ईश्वर की रचना हैं। इसलिए प्रकृति द्वारा दिए गए  संस्कारों का फल हैं उसका व्यवहार ! संस्कार राजसी, तामसिक, सात्विक हो सकते…

By डॉ. गुँजारिका राँका June 16, 2017 0